जयपुर संस्कृति, किलों और महलों का कॉकटेल है। इस अनोखे और रंगों से भरे शहर को देखने का रंग भी निराला होना चाहिए। और रंग बिरंग हॉट एयर बैलून से इस रंगीले शहर को निहारने का और बेहतर ढंग क्या हो सकता है। जयपुर को देखने के लिए प्रतिवर्ष दुनियाभर से हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। जयपुर का हर कोना, हर रंग नया अहसास करता है। यही कारण है इस शाही शहर को सब अपने अपने नजरिये और अपने अपने एंगल से देखना चाहते हैं। जयपुर की खूबसूरती को आसमां से निहारने वालों की भी कमी नहीं है। पहाड़ी किलों और महलों के शहर जयपुर में हॉट एयर बैलूनिंग का अपना मजा है।
जयपुर में पर्यटन का आनंद लेने के अनेक माध्यम हैं जिनतें एयर बैलून से इस खूबसूरत शहर का भ्रमण करना सबसे अनोखा और दिलचस्प माध्यम है जो राजस्थान के अन्य शहरों में नहीं मिलता। जयपुर में आप हॉट एयर बैलूनिंग का आनंद आमेर में अलग-अलग स्थानों से ले सकते हैं। यह बैलून सवारी लगभग एक घंटे की होती है। लेकिन इसकी सवारी करने के लिए आपको तीन से चार घंटे खर्च करने पडेंगे।
बैलूनिंग : एक शांत स्वर्गिक अनुभव
हॉट एयर बैलून एक शांत स्वर्गिक अनुभव है। यह मैदान में खड़े विमान में चढ़कर आकाश का भ्रमण करने से अलग है। इसके लिए आपको बहुत इंतजार करना होता है और यह आसमान में ऐसे ही बढ़ता है जैसे विशाल समुद्र में कोई नाव बहुत आहिस्ता सरकती है। आसमान में कभी कभी बैलून के खड़े होने का भी भ्रम होता है। बैलून पूरी तरह हवा के झौकों के साथ मूव करता है। तेज हवा और बारिश में आप जयपुर के हॉट एयर बैलून का आनंद नहीं ले सकते।
जब आप एयर बैलून की सवारी के लिए जाएंगे तो पाएंगे कि एयर बैलून एक समतल मैदान में विशाल कपड़े की तरह बिछा होता है। इसे सवारी के लिए तैयार करने के लिए इस विशाल बैलून में हॉट एयर भरी जाती है। हॉट एयर मशीन के नीचे ही वह पालकी अटैच होती है जिसमें सवारी की जाती है। बैलून में पूरी तरह हॉट एयर भरने के बाद यह हवा के मूवमेंट के साथ सरकने लगता है और बहुत आहिस्ता से आकाश में एक सुहाने सफर के लिए निकल पड़ता है। हॉट एयर बैलून एयरोक्राफ्ट आदि से इसलिए भी भिन्न है कि आप इसकी पालकी में खड़े होकर जयपुर शहर को ऐसे ही निहार सकते हैं जैसे आप अपने घर की बालकनी से पार्क में खेलते बच्चों को निहारते हैं। फोटोग्राफी के लिए इस सवारी से बेहतर कुछ नहीं है।
बैलून में उड़ान के लिए
हॉट एयर बैलून में एक बार उडान भरने के लिए चार से आठ लोगों का समूह पर्याप्त होता है। इससे ज्यादा लोग होने पर यह ओवरलोड हो जाता है जिससे गुब्बारे को उठने में समस्या होती है। इसलिए सुविधाजनक यात्रा के लिए निश्चित संख्या में ही बैलून में सवारी की जानी चाहिए। जिस पालकी में पर्यटकों के खड़े होने की सुविधा होती है उसे ’बास्केट’ कहा जाता है। एक गुब्बारा धरातल से पांच हजार फीट की ऊंचाई तक उड़कर बेहतर संचालन की स्थिति में आता है। हर बैलून में पर्यटकों के साथ ’बैलून राइडर पायलेट’ भी होते हैं जो गुब्बारे को पहाड़ की चोटियों, ऊंचे टॉवरों और वृक्षों से बचाते हैं। ये पायलट गुब्बारे की गति और ऊंचाई को तय करते हैं। साथ ही पर्यटकों को बास्केट में नॉर्मल रहकर प्रकृति और पिंकसिटी के खूबसूरत नजारे का लुत्फ उठाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
मौसम स्थितियां
हॉट एयर बैलून राईडिंग मौसम पर निर्भर करती है। साल का हर मौसम हॉट एयर बैलून की उडान के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए हॉट एयर बैलून की सवारी करने के लिए आप मौसम का विशेष खयाल रखें। कभी कभी ऐसा भी होता है कि पर्यटक बैलून सवारी बुक कराते हैं और मौसम खराब होने से यह स्थगित हो जाती है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आप बैलून सवारी बुक कर चुके हैं और खराब मौसम की वजह से यह टाल दी जाती है तो आपको आपकी बुकिंग का सौ प्रतिशत मूल्य वापस दे दिया जाएगा। या फिर एक विकल्य यह भी है कि बैलून राइडिंग कंपनी आपको किसी अन्य दिन बैलून सवारी का ऑफर करेगी।
उम्र की सीमा नहीं
बैलून राईडिंग एक शांत सुखद यात्रा होने के बावजूद दिल की धड़कनें बढाने वाली यात्रा साबित हो सकती है। इसलिए दिल के मरीजों को बैलून राइडिंग करने से बचना चाहिए। बैलून की सवारी करने के लिए हालांकि उम्र की कोई सीमा नहीं है लेकिन फिर भी पर्यटक को एक घंटे या इससे भी ज्यादा समय तक खड़े रहने में सक्षम होना चाहिए। सवारी के लिए 6 साल अधिक आयु के बच्चों को ही मान्य किया जाता है। साथ ही सवारी करने वाले पर्यटक की लंबाई भी 1.5 मीटर से अधिक होनी चाहिए। क्योंकि बैलून की बास्केट की लंबाई भी लगभग इतनी ही होती है। इसलिए टोकरी से बाहर का नजरा देखने के लिए इस पैमाने से अधिक लंबाई का होना पर्यटक की अपनी सुविधा के लिए है। एयर बैलून की सवारी इतनी आसान और सुविधाजन्य है कि एक गर्भवती महिला भी आराम से बैलून सवारी का आनंद ले सकती है।
चिकित्सा स्थितियां और सावधानियां
एयर बैलून की सवारी हालांकि पूर्णत: सुरक्षित है लेकिन असामान्य परिस्थितियों में आपका पूर्ण स्वस्थ होना जरूरी है। ऐसे में विकलांग, कम या ज्यादा ब्लडप्रेशर के रोगी अथवा किसी अन्य रोग से पीडित लोगों को अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही एयर बैलून की सवारी करनी चाहिए। यदि डॉक्टर पर्यटक को सवारी के लिए फिट घोषित कर दे तो पर्यटक सवारी कर सकते हैं। एयर बैलून कंपनी की ओर से विकलांगों के लिए हालांकि व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाती है लेकिन यह केवल गुब्बारे तक पहुंचने के लिए होती है। व्हीलचेयर के साथ गुब्बारे में उडान नहीं भरी जा सकती। शराब अथवा किसी अन्य नशे में पाए जाने की स्थिति में भी एयर बैलून में बैठने की इजाजत नहीं दी जाती है।
पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा
जयपुर के ज्यादातर होटलों में एयरबैलून सवारी की जानकारी ट्रैवल डेस्क पर दी जाती है। इसके अलावा होटल से बैलून सवारी के लिए पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा भी होती है। इसके तहत एक वाहन पर्यटक को होटल अथवा घर से बैलून प्रक्षेपण स्थल तक लाता है और उड़ान के बाद पुन: होटल या घर तक छोडने की सुविधा देता है।
एयर बैलून उड़ान के सीजन
यूं तो एयर बैलून के उड़ान भरने का कोई सबसे अच्छा मौसम नहीं माना जाता। लेकिन जो दिन सबसे शांत रहे वही दिन बैलूनिंग के लिए सबसे बेहतर होता है। ऐसे में तेज हवा, तीव्र गर्मी, बहुत ज्यादा ठंड, बारिश या बादलों से भरा आसमान बैलूनिंग के लिए अच्छा नहीं माना जाता। फिर भी मध्य सितंबर से मार्च के अंत तक का समय बैलूनिंग के लिए उचित है। बैलूनिंग के लिए सुबह 5.30 और शाम 4 बजे का समय सबसे अच्छा होता है।
अक्टूबर से नवम्बर
सुबह की उड़ान- 6.15 बजे
शाम की उड़ान- 4 बजेदिसंबर से फरवरी
सुबह की उड़ान- 6.45 बजे
शाम की उड़ान- 4 बजेमार्च में उड़ान
सुबह की उड़ान- 6.45 बजे
शाम की उड़ान- गर्मी के कारण शाम को उड़ान नहीं होती।
जयपुर में बैलून उड़ान की लोकेशन-
सामोद बाग एवं महल – सामोद
आमेर महल- आमेर
शिव विलास- जयपुर
जलमहल – जयपुर
दिल्ली रोड- जयपुर
माधोगढ फोर्ट आदि
उड़ान का शुल्क-
बैलून कंपनी की ओर से समय समय पर जयपुर के अनुकूल स्थानों से पर्यटकों के लिए बैलूनिंग की जाती है। बैलून कंपनी विदेशी और देशी पर्यटकों के लिए दो अलग विकल्पों के टिकट उपलब्ध कराती है।
विदेशी सैलानियों के लिए टिकट-
विदेशी सैलानियों के लिए टिकट का शुल्क 225 अमेरिकी डॉलर होता है। इसमें कंपनी की ओर से पर्यटकों के लिए उड़ान की लोकेशन पर पार्किंग, कॉल पर डॉक्टर बुलाने, ट्रैवल डेस्क उपलब्ध कराने की सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही यात्री को कम से कम 60 मिनट गुब्बारे में आकाश की सैर कराने, होटल से लाने और छोड कर आने, पर्यटक यात्रियों को चाय, कॉफी, नाश्ता व एक समय का भोजन आदि उपलब्ध कराने, पहली यात्रा पर बैलून पायलट के साइन किए प्रमाण पत्र देने की सुविधाएं भी दी जाती हैं।
भारतीय सैलानियों के लिए टिकट-
भारतीय सैलानियों के लिए यह शुल्क 8500 रुपए प्रति व्यक्ति है । यह टिकट रिफंड नहीं किया जा सकता। अर्थात अगर आपकी यात्रा निरस्त भी हो गई है तो आपको टिकट की राशि पुन: नहीं मिलेगी। क्योंकि यह टिकट दो साल के लिए मान्य होता है और आप हॉट बैलूनिंग के किसी भी केंद्र पर इस टिकट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
’स्काईवॉल्ट’ के बारे में-
जयपुर में बैलूनिंग ’स्काईवॉल्ट’ कंपनी द्वारा मुहैया कराई जाती है। वर्ष 2009 और 2010 के दौरान स्काईवॉल्ट ने जयपुर और देश के पर्यटन में अहम भूमिका निभाई है। हॉट एयर बैलून की सुविधा मिलने के बाद जयपुर के पर्यटन पर सकारात्मक असर हुआ है। विदेशी पर्यटकों के साथ साथ देशी पर्यटक भी हॉट एयर बैलून की सवारी का आनंद लेने लगे हैं। जयपुर में स्काईवॉल्ट ने ’एडवेंचर विद ट्यूरिज्म’ का अवसर प्रदान कराया है। कंपनी की ओर से जयपुर में सुबह और शाम दो बार उड़ाने ऑपरेट की जाती हैं। मौसम और सफर करने वाले यात्रियों की संख्या के मद्देनजर ही उड़ान ऑपरेट की जाती है। मार्च के दिनों में गर्मी के शुरूआत के चलते सुबह 10 बजे से पहले ही सफर पूर्ण कर लिया जाता है और बैलून को उतार लिया जाता है।
फिर से बैलून एडवेंचर बना पसंद
जयपुर के बाद अब उदयपुर में भी बैलूनिंग शुरू होने वाली है। टूर ऑपरेटर्स ने बताया कि उदयपुर में बैलूनिंग अक्टूबर में आरंभ की जाएगी। आमेर में सात आठ लोकेशन पर बैलूनिंग करवाई गई थी। तब विदेशी टूरिस्ट सिक्योरिटी को लेकर डरे हुए थे। जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में बैलूनिंग को लेकर लोगों में क्रेज बढा है। पांच साले में अब तक 13 हजार टूरिस्ट इसे पसंद कर चुके हैं। इस साल 3800 टूरिस्ट ने इस एडवेंचर का मजा लिया है। राजस्थान के इन बैलून को ’हाउसफुल-2’ और ’चांदनी चौक टू चाइना’ आदि फिल्मों में भी काम में लिया गया है।