आईटीसी होटल
जयपुर में आईटीसी होटल जयपुर की समृद्ध संस्कृति, विरासत और मूल्यों के लिए जाने जाते हैं, और यह तय है कि दुनिया में कहीं अन्यत्र यह सब अनुभव नहीं किया जा सकता। अपनी इन्हीं समृद्ध परंपराओं के कारण जयपुर दुनियाभर के यात्रियों के दिलों में खास स्थान रखता है। जयपुर के हर आश्रय में मेहमानों को वह स्वागत, वह आवभगत, वह सेवा और सुकून मिलता है, जो दुनिया के किसी भी कोने में नहीं मिल सकता। जयपुर की यात्रा से पहले हर यात्री यहां पर ठहरने के विकल्प तलाशता है। यात्रा सुनिश्चित करने के बाद उस शहर में रहने का स्थान खोजना और बेहतर विकल्प चुनना एक चुनौती होती है, हम आपकी इस चुनौती में आपके साथ हैं और जयपुर के बेहतरीन होटलों की रेंज में आपको सुझाव देंगे कोई भी आईटीसी होटल चुनने का।
जयपुर, दुनियाभर में अपने शाही ठाठ और इतिहास की गौरवशाली गाथाओं के लिए जाना जाता है, तो जयपुर आकर आप जिस जगह ठहरें, अगर वह जयपुर की इस खास समृद्धि को प्रतिबिंबित करती है तो क्या बात है। सच में अगर कोई ऐसा होटल है जो मेहमान के आगमन के दिन से लेकर प्रस्थान वाले दिन तक जयपुर में प्रवास के दौरान यहां के शाही ठाठ-बाट को कम नहीं होने देता तो वह है-आईटीसी राजपूताना।
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर 27 सितंबर 2012 को आईटीसी राजपूताना को आरटीडीसी की ओर से जयपुर के सर्वश्रेष्ठ पांच सितारा होटल के रूप में पुरस्कृत किया गया था। आईटीसी ग्रुप आफ होटल्स को किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है, सर्वविदित है कि पांच सितारा होटलों की यह श्रंख्ला देशभर में अपनी सेवाएं देती है। जयपुर में आईटीसी होटल को ’राजपूताना’ नाम दिया गया है, जिसका सीधा अर्थ राजस्थान के राजाओं और उनकी जीवन शैली से है।
जब आप होटल परिसर में प्रवेश करते हैं तो राजस्थान की उसी मिट्टी की सौंधी महक को महसूस कर सकते हैं जिसमें राजस्थान के वीर राजाओं की रूहें समाई हुई हैं। होटल राजपूताना आपको यहां कुछ समय तक राजाओं की जीवन शैली जीने की इजाजत देता है। इस होटल को राजस्थान के शाही और समृद्ध अंदाज के साथ राजस्थानी संस्कृति में पिरोकर तैयार किया गया है। जयपुर के अन्य होटलों की तुलना में राजपूताना का सबसे विस्तृत परिसर इसे होटलों का राजा करार देता है।
जब आप होटल में प्रवेश करेंगे तो वहां बड़ी बड़ी मूछों वाला दरबार अदब से झुककर मुस्कुराते हुए आपका स्वागत करता है। जब वह बहुत ही सेवाभाव और सम्मान से आपको आपके सामान के साथ आपके कमरे तक पहुंचाने आएगा तो निश्चय ही आप उसे कभी नहीं भुला पाएंगे। जिन मेहमानों ने कभी राजस्थानी संस्कृति का स्वाद नहीं चखा है उनके लिए यह होटल किसी जन्नत से कम नहीं।
जयपुर में आईटीसी होटल-
होटल अपने मेहमानों की बेहतर आवभगत को करता ही है साथ ही सफारी सेवाएं भी उपलब्ध कराता है और जयपुर तथा के आस-पास की यात्राओं का इंतजाम करता है। होटल राजपूताना में रहकर आपको जयपुर भ्रमण की यात्राओं की चिंता में दिमाग खपाने की जरूरत नहीं होती, होटल प्रबंधन अपनी तरफ से आपको जयपुर यात्रा के बेहतर से बेहतर विकल्प उपलब्ध कराता है। होटल प्रबंधन की ओर से जयपुर के महल, स्मारक, किले, मंदिर और खास जगहों की सैर करने का पूरा और अच्छा प्रबंध किया जाता है।
एक खास बात और, जिसके लिए होटल राजपूताना प्रसिद्ध है-वह है यहां का खाना। यहां मेहमानों की आवभगत शुद्ध देशी घी के राजस्थानी भोजन के साथ की जाती है और अपने फ्लेवर से भोजन आगंतुकों को वाह कहने को मजबूर कर देता है। मेहमानों के लिए यहां शुद्ध सात्विक राजस्थानी भोजन परोसा जाता है जिसमें राजस्थान का सच्चा स्वाद बसा होता है। मेहमानों की पसंद और जिज्ञासा के मुताबिक होटल राजपूताना उन्हें राजस्थानी और पाश्चात्य दोनो तरह के परिवेश उपलब्ध कराता है। राजस्थानी भोजन के अलावा दुनिया के बेहतरीन और लजीज व्यंजन भी मेहमानों की सेवा में प्रस्तुत किए जाते हैं।
होटल परिसर में विशाल और खूबसूरत सम्मेलन कक्ष, स्वच्छ तरणताल और आधुनिक व्यायामशाला इसके उदाहरण हैं। राजपूताना होटल में रहने तक आपको अपनी जीवनशैली से समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है। यहां आपको राजस्थानी परिवेश में पाश्चात्य सुख सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है, जैसे- मल्टीकुजिन रेस्टोरेंट, घुड़सवारी और जिम आदि। होटलों का इतिहास उठाकर देखिए, आपको राजस्थान के असली सौन्दर्य को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में सक्षम कोई होटल राजपूताना के मुकाबले का नहीं मिलेगा।
राजपूताना के पक्ष में कहे गए तर्कों की पुष्टि को बाहरी समर्थन की जरूरत नहीं है, यहां एक कहावत है-हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फारसी क्या। आप जब होटल राजपूताना आएंगे तो यहां की सेवाएं और सुविधाएं अपने आप आपको अपना परिचय दे देंगी। वास्तव में जब पांच सितारा होटलों की बात की जाती है तो आईटीसी राजपूताना को प्रथम पायदान पर ही रखा जाता है। तो, जब भी आप जयपुर आएं तो राजपूताना शेरेटन होटल में ही ठहरें। इस होटल में महाराजा मानसिंह अपनी पत्नी के साथ ठहरे थे। निश्चित तौर पर आपका स्वागत सत्कार और मनुहार उसी प्रकार किया जाएगा जिस प्रकार जयपुर के राजाओं का किया जाता था। राजस्थानी संस्कृति और पाश्चात्य मूल्यों का सर्वोत्तम संगम कहीं है तो वह राजपूताना शेरेटल होटल है।