सवाई मानसिंह अस्पताल राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। अपनी स्थापना से इस अस्पताल का उद्देश्य आम आदमी को सस्ता और बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करना है। अपनी मेडिकल सेवाओं और सुविधाओं से यह राजस्थान का ही नहीं बल्कि भारत के चुनिंदा अस्पतालों में गिना जाता है। इलाज के हर क्षेत्र में एसएमएस अस्पताल एक विशिष्टता लिए हुए है।
पता
सवाई मानसिंह चिकित्सालय
सवाई रामसिंह रोड
जयपुर, राजस्थान।
फोन- 0141-2560291
सामान्य सूचनाएं
यह अस्पताल राजस्थान की राजधानी जयपुर के केंद्रीय भाग में जेएलएन मार्ग और रामसिंह रोड के बीच स्थित है। अजमेरी गेट से यह सिर्फ एक किमी की दूरी पर है। टोंक रोड़ के साथ साथ यह जेएलएन मार्ग से भी आसानी से जुड़ा हुआ है।
मेडिकल स्टाफ-
एसएमएस अस्पताल में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ 255 चिकित्सकों का स्टाफ है। साथ ही मरीजों की समुचित देखभाल के लिए 660 प्रशिक्षित नर्सों की मौजूदगी इस अस्पताल को देश के सबसे बड़े स्टाफ वाले चिकित्सालयों में शुमार करता है।
वार्ड-
चिकित्सालय में कुल 43 वार्ड हैं जिनमें 1563 बेड मरीजों के लिए उपलब्ध हैं।
दूरभाष संपर्क-
मुख्य अधीक्षक- 0141-2565647, 0141- 2515432
सहायक अधीक्षक- 0141-2560291, 0141-2518681विभिन्न विभाग-
पैथोलॉजिकल विभाग
बायोकेमिकल विभाग
माइक्रो बायोलॉजिकल विभाग
कॉर्डियोलॉजिकल विभाग
इंजियोग्राफिकल विभाग्र
कॉर्डियोथोरोसिस एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग
न्यूरोलॉजिकल विभाग
गैस्ट्रोएन्थ्रोलॉजिकल विभाग
नेफ्रोलॉजिकल विभाग
यूरोलॉजिकल विभाग
पालमॉनरॉलोजिकल विभाग
न्यूकिलर मेडिकल विभाग
ऑप्थॉलोजिकल विभाग
ईएनटी
ब्लड बैंक
आपातकालीन सेवा वार्ड
एसएमएस अस्पताल में चौबीस घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होती हैं। आपातकालीन विभाग में निम्नांकित सेक्शन उपलब्ध हैं-
सीपीआरयू, प्लास्टर सेक्शन, माइनर प्लास्टीक सर्जरी वार्ड, इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर, एक्सरे सेवा, ईसीजी एवं आईसीयू के साथ एक 28 बेड युक्त ऑब्जर्वेशन वार्ड भी यहां उपलब्ध है। खास बात यह है कि इमरजेंसी वार्ड में सभी जीवनदायी औषधियां मरीजों को मुफ्त दी जाती हैं।
सेंट्रल लेबोरेट्री
सवाई मानसिंह अस्पताल में विभिन्न मेडिकल जांचों के लिए एक विश्व स्तरीय सेंट्रल लैब है जहां अत्याधुनिक मशीनों से विभिन्न जांचें की जाती हैं। यहां आकर मरीज बाहरी प्राइवेट और महंगी जांच लैब को अनदेखा कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 8 अप्रैल से राज्य के सरकारी अस्पतालों में फ्री जांच सुविधाओं के मद्देनजर एसएमएस अस्पताल पर रोगी भार और बढ़ गया है। किंतु अस्पताल प्रशासन रोगियों को बेहतर और सुविधायुक्त जांच व मेडिकल सेवाएं देने के लिए तत्पर है। अस्पताल में निम्नांकित जांचे मुफ्त में की जाती हैं-
एक्स रे, पॅथोलॉजिककल टेस्ट, बायोकेमिकल टेस्ट, माइक्रो बायोलॉजिकल टेस्ट, कॉर्डियोलॉजिकल टेस्ट, एंजियोग्राफिकल टेस्ट, न्यूरोलॉजिकल टेस्ट, गेस्ट्रोएन्थ्रोलॉजिकल टेस्ट, कॉर्डियोथ्योरोसिस एवं वैस्कुलर टेस्ट, नेफ्रॉलॉजिकल टेस्ट, यूरोलॉजिकल टेस्ट, पालमोनारोलॉजिकल टेस्ट, नियोक्लयर मेडिसिन टेस्ट, ऑप्थॉलोजिकल टेस्ट, ईएनटी आदि।
ओपीडी समय सारणी
ग्रीष्मकाल – 1 अप्रैल से 30 सितंबर – सुबह 8 से दोपहर 2 बजे
शीतकाल – 1 अक्टूबर से 31 मार्च – सुबह 9 से अपरान्ह 3 बजे
राजकीय अवकाश –
ग्रीष्मकाल- सुबह 8.30 से 10.30
शीतकाल- सुबह 9.30 से 11.30आउटडोर सेवाएं
ग्रीष्मकाल – सुबह 8 से 12 बजे, शाम 5 से 7 बजे
शीतकाल – सुबह 9 से दोपहर 1 बजे, शाम 4 से 6 बजेमरीजों से मिलने का समय
अस्पताल में मरीज के साथ सिर्फ एक परिजन को ही प्रवेश दिया जाता है। लेकिन रोजाना एक निश्चित समयावधि के लिए परिजनों को मरीज से मिलने का अवसर दिया जाता है। मरीज के मित्र व परिजन इस समयावधि में मरीज से मिल सकते हैं-
ग्रीष्मकाल में- शाम 4 से 6 बजे
शीतकाल में- शाम 3 से 5 बजेलेकिन यह विशेष ध्यान देने योग्य बात है कि अस्पताल में यदि डॉक्टर राउंड पर है तो परिजनों को मरीज से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती। लेकिन अगर मरीज को अस्पताल द्वारा उपलब्ध भोजन सामग्री ग्रहण करने में दिक्कत आती है तो परिजन भोजन समय के दौरान मरीज से मिल सकते हैं।
भोजन अवकाश समय सारणी
नाश्ता-
ग्रीष्मकाल- सुबह 6 से 7 बजे
शीतकाल- सुबह 7 से 8 बजेदोपहर का भोजन-
ग्रीष्मकाल- दोपहर 12 से 1 बजे
शीतकाल- दोपहर 1 से 2 बजेरात का भोजन-
ग्रीष्मकाल- शाम 7 से 9 बजे
शीतकाल- शाम 7 से 9 बजे
भुगतान कॉटेज वार्ड
ऐसे मरीज जो जनरल वार्ड में असुविधा महसूस करते हैं वे यहां निश्चित राशि का भुगतान कर अलग कॉटेज भी प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न श्रेणी की कॉटेज संख्या अग्रांकित है-
सुपर डीलक्स एयरकंडीशन कॉटेज – 8
कॉटेज एयरकंडीशन- 10
सामान्य कॉटेज वार्ड – 31
क्यूबिकल कॉटेज – 38
आई-क्यूबिकल- 5
अन्य सेवाएं-
1-किसी सरकारी संगठन के लिए जब स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है तो यहां मेडिकल एग्जामिनेशन निशुल्क अथवा कम से कम चार्ज पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
2-जीवन दायिनी औषधियां मरीजों को मुफ्त अथवा बाजार रेट से बहुत सस्ती उपलब्ध कराई जाती हैं।
3-मरीजों को लाने ले जाने के लिए यहां साढे तीन रुपए प्रति किमी की सस्ती दर से एम्बुलैंस उपलब्ध कराई जाती है। जबकि व्हील चेयर और स्टैचर मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं।
4-नई दवा योजना के तहत सभी मरीजों को अस्पताल की ओर से निशुल्क दवाईयां और मुफ्त जांच उपलब्ध कराई जाती है। बीपीएल मरीजों को बहुत ही सस्ती दर पर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। सरकारी सहायताएं भी ऑफर की जाती हैं।
5-मरीजों को बहुत सस्ती दर पर अस्पताल प्रशासन की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। गरीब मरीजों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है।
जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल अपनी बेहतर सेवाओं और सुविधाओं के साथ साथ मरीजो को निशुल्क इलाज देने के लिए विख्यात है। यह सिर्फ परिसर और स्टाफ के नजरिये से ही नहीं बल्कि सेवाओं के नजरिसे से भी एक बड़ा अस्पताल है।
निशुल्क जांच योजना – पहला दिन
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत सोमवार को निशुल्क जांचों की संख्या योजना से पहले के दिनों की तुलना में छह हजार से अधिक बढ गई है। सोमवार को दोपहर 12 से मंगलवार दोपहर 12 बजे के बीच हुई कुल 16782 जाचों में से 90 प्रतिशत से अधिक जांचें जांच योजना व अन्य निशुल्क श्रेणियों में की गई। जो कि पहले के दिनों की तुलना में करीब 6500 अधिक हैं। वहीं अस्पताल का आउटडोर भी पिछले सोमवार की तुलना में 6300 से बढकर 7157 तक पहुंच गया है। मंगलवार को भारी भीड़ के चलते एसएमएस अस्पताल का सर्वर एक घंटे के लिए डाउन हो गया। जिससे मरीजों और परिजनों की लंबी कतारें लग गईं।
कांवटिया में 50 बेड का एमसीएच वार्ड बनेगा
जयपुर के शास्त्रीनगर स्थित जिलास्तरीय कांवटिया अस्पताल में 50 बेड का मैटरनिटी एंड चाइल्ड हेल्थ वार्ड बनेगा। इससे प्रसूताओं व बच्चों को एक ही छत के नीचे हर सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने करीब पचास लाख रू स्वीकृत किए हैं। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम शर्मा ने बताया कि वार्ड बनने का काम शुरू हो गया है। जिसके अगले छह माह में तैयार होने की संभावना है।
जयपुर में जुटेंगे न्यूरो व ईएनटी सर्जन
जयपुर के बिरला ऑडीटोरियम में 26 अप्रैल से दूरबीन की सहायता से नाक के जरिए दिमाग के ट्यूमर निकालने के ऑपरेशन तकनीक पर तीन दिवसीय कार्यशाला आरंभ होगी। इसमें देश विदेश के लगभग 1000 न्यूरो सर्जन और ईएनटी सर्जन शामिल होंगे। तीन दिन का वैज्ञानिक सत्र नॉन स्टोप स्कल बेस पर होगा जो सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक चलेगा। इसका सजीव प्रसारण लालकोठी स्थित जैन ईएनटी हॉस्पिटल से बिरला ऑडीटोरियम में किया जाएगा। कार्यक्रम में कनाडा के प्रो. अमीन कासम, एंडोस्कोपिक सायनस व स्कल बेस सर्जन डॉ डीएस सेठी, मुंबई के डॉ एम वी कीर्तने व डॉ पंकज गुप्ता आदि सर्जरी की बारीकियों का प्रशिक्षण देंगे।
सेवारत चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार
जयपुर में सरकार की ओर से मांगें नहीं माने जाने पर बुधवार को सेवारत डॉक्टरों से सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे कार्य का बहिष्कार किया। जिसके कारण सरकारी अस्पतालों में आउटडोर, इमरजेंसी व मोडिकल ज्यूरिस्ट की सेवाएं प्रभावित रही। शास्त्रीनगर के कांवटिया अस्पताल में आउटडोर सूने रहे और डॉक्टरों के कमरों के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी रही। दो घंटे तक न तो देखने वाला था और न ही जांच लिखने वाला। दस बजे बाद डॉक्टरों के काम पर आने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। यही हाल शहर के सेटेलाइट अस्पताल बनीपार्क और सेठीकॉलोनी व डिस्पेंसरियों में भी रहा।
जयपुरिया अस्पताल में 150 बेड, 21 अतिरिक्त पद
जयपुर के राजकीय रूकमणी देवी बेनीप्रसाद जयपुरिया अस्पताल को चिकित्सा विभाग ने क्रमोन्नत किया है। अब अस्पताल में 150 बेड होंगे। साथ ही वरिष्ठ विशेषज्ञों सहित अन्य श्रेणी के 21 नए पदों का भी सृजन किया जाएगा। विभाग की ओर से बुधवार को जारी आदेशों के अनुसार अस्पताल में एक एक शिशु रोग व स्त्री विशेषज्ञ, दो कनिष्ठ विशेषज्ञ, एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, 3 दंत चिकित्सा अधिकारी, 3 नर्स ग्रेड द्वितीय, एक सहायक रेडियोग्राफर, 3 लैब टैक्नीशियन, एक फीजियोथेरेपिस्ट, एक सहायक लेखाधिकारी, एक वरिष्ठ लिपिक और तीन कनिष्ठ लिपिकों के पद मंजूर किए हैं। अस्पताल में सफाई व्यवस्था को जॉब बेसिस पर ऐजेंसी के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही कराए जाने पर स्वीकृति दी गई है।
जयपुर में अवैध भ्रूण जांच जारी
जयपुर में निजी अपस्पताल और नर्सिंग होम संचालक धडल्ले से भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरूवार को बोगस भेजकर मालपुरा डिग्गी रोड पर रामपुरा फाटक स्थित किरण अस्पताल और मोडी डूंगरी रोड पर खरबूजा मंडी स्थित अनिल नर्सिंग होम में डॉक्टर और उनके साथी चिकित्सा कर्मियों को बेनकाब कर दिया। दोनो ही मामलों में पीसीपीएनडीटी थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई। किरण अस्पताल में टीम ने एक महिला को भेजा यहां डॉ मोनिया गोयल और सहायक डॉ कपिल ने पांच हजार में भ्रूण परीक्षण को कहा। डॉ मोनिया ने गर्भ में बेटी बताई। टीम ने कंपाउंडर किशन से पांच हजार जब्त कर सोनोग्राफी मशीन सीज की। यहां सोनोग्राफी से पहले न तो फार्म एफ भरवाया गया और न रजिस्टर में एंट्री की गई।
सबसे बड़ा गाल ब्लेडर निकाला, रिकॉर्ड
जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में ऑपरेशन से सबसे बड़ा गाल ब्लेडर निकालकर गिनीज बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया गया है। एसएमएस के डॉ जीवन कांकरिया ने शास्त्रीनगर निवासी मेनका के पेट से 25.8 सेमी का यह ब्लेडर निकालकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले विश्व रिकॉर्ड पाकिस्तान के इस्लामाबाद के डॉ मोहम्मद नईम ताज के नाम था। महिला का पित्ताशय सामान्य से करीब तीन गुना बडा था। उसमें पथरियों के बीस से पच्चीस टुकड़े मिले थे। पित्ताशय बाई ओर से शुरू होकर कुण्डलीनुमा बनकर दाईं पित्त वाहिनी से जुडा हुआ था। जो दस लाख में से एक मरीज में पाया जाता है। ब्लेडर को 1.2 सेमी के छोटे चीरे निकाला गया। सवाईमानसिंह अस्पताल के इतिहास में यह एक नई उपलब्धी है।
दवा के लिए भटके मरीज
ऑल इंडिया आर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आव्हान पर शुक्रवार को निजी मेडिकल स्टोर बंद रहे। इससे राजधानी सहित प्रदेश में मरीजों का बुरा होल हो गया। विभिन्न निजी अस्पतालों, डिस्पेंसरियों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास भी दवा की दुकानें बंद रही। ऐसे में सहकारी भंडार की दुकानों और लाइफ लाइन स्टोर पर कतारें लगी रही। ग्रामीण इलाकों से आए मरीज और उनके परिजन इस बंद से अनभिज्ञ थे, इसलिए वे दवा के लिए यहां वहां भटकते रहे। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऐसोसिएशन ऑफ जयपुर के अध्यक्ष मोहनलाल तांबी और सचिव राजीव जैन ने बातया कि बंद का असर दवा के थोक आपूर्ति केंद्र चौडा रास्ता स्थित फिल्म कॉलोनी में भी पूरी तरह रहा। यहां सुबह 11 बजे से धरना रखा गया। जिसमें बड़ी संख्या में मेडिकल कारोबारी शामिल हुए।
एक घंटे में मिल जाएगी जांच रिपोर्ट
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आने वाले मरीजों को डॉक्टर की ओर से लिखी पांच जरूरी जांचों की रिपोर्ट अब नमूना देने के एक घंटे के बाद ही मिल जाएगी। इस व्यवस्था के बाद मरीजों का इलाज तुरंत शुरू हो सकेगा। नमूना देने के बाद जांच रिपोर्ट के लिए एक दिन इंतजार नहीं करना पडेगा। अस्पताल फिलहाल ट्रायल के तौर पर यह व्यवस्था शुरू कर रहा है। जल्द ही इसे स्थायी तौर पर शुरू कर दिया जाएगा।
गर्मी से बढे मरीज
जयपुर में ऊंचे तापमान ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढा दी है। शहर का अधिकतम तापमान 44 डिग्री के आसपास चल रहा है। जबकि रात का तापमान 32 डिग्री के करीब रहता है। सवाई मानसिंह अस्पताल, जेके लोन, विभिन्न निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में मेडिसिन विभाग के आउटडोर में मरीजों की संख्या में बीस से पचास प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इन दिनों अस्पतालों में आने वाले मरीजों में उल्टी दस्त, टायफायड, पेट दर्द, पीलिया आदि के मरीज अधिक हैं। इसके अलावा अस्थमा, एलर्जी, स्किन एलर्जी के रोगी भी आ रहे हैं। फिजीशियन डॉ विनय सोनी के अनुसार मौसमी बीमारियों से सावधानी रखते हुए बचा जा सकता है। एसएमएस अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ अजीत सिंह के अनुसार यहां तेज गर्मी के चलते आउटडोर में मरीजों की संख्या 600 से बढकर 900 तक पहुंच गई है।
थैलेसीमिया के इलाज में सहायता देगी सरकार
प्रदेश में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों कोअब रूपए नहीं होने पर जिंदगी भर बेइलाज नहीं रहना पडेगा। राज्य सरकार ऐसे बच्चों के स्थायी उपचार की तकनीक बोनमेरा ट्रांसप्लांट में आने वाला खर्च वहन करेगी। यह खर्च सात आठ लाख तक होता है। बोनमेरो ट्रांसप्लांट जवाहर सर्किल स्थित प्रेम निकेतन आश्रम में होता है। यहां अब तक दानदाताओं के सहयोग से नौ बच्चों को ट्रांसप्लांट हो चुका है। सरकार की ओर से मदद उन बच्चों के परिजनों को मिलेगी जिनकी सालाना ढाई लाख से कम है।
थैलेसीमिया पीडित बच्चों की लिस्ट लंबी
सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ जीएन सक्सेना के अनुसार जवाहर सर्किल पर स्थित प्रेम निकेतन आश्रम केंद्र में ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले चालीस बच्चों की सूची फिलहाल मौजूद है। जबकि जेकेलोन अस्पताल में इस समय करीब 200 बच्चे थैलेसीमिया पीडित पंजीकृत हैं। सरकारी सहायता स्वीकृत कराने में अहम भूमिका निभाने वाले एडवोकेट जनरल जीएस बापना के अनुसार इस बीमारी का एकमात्र उपचार बोनमेरो ट्रांसप्लांट ही है। यह ज्यादा खर्चीला होने के कारण आम मरीज के लिए संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि साउथ ईस्ट एशिया थैलेसीमिया चिल्ड्रन्स सोसायटी की इस दिशा में प्रयासरत थी। अब सरकार से आर्थिक सहायता मिलने पर थैलेसीमिया पीडित बच्चों को राहत मिलेगी।
दवा परीक्षण में मरीज की मौत, मुआवजा
एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध शास्त्रीनगर स्थित श्वांस रोग संस्थान में क्लिनिकल ट्रायल के दौरान मरीज की मौत होने पर बुधवार को उसकी विधवा को दवा कंपनी की ओर से 5 लाख 58 हजार रूपए की सहायता राशि भेंट की गई। कॉलेज की एथिक्स कमेटी ने क्षतिपूर्ति राशि तय कर इसकी अनुशंसा की। ट्रायल के प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर व कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नरेन्द्र खिप्पल के अनुसार मरीज एडवांस लंग कैंसर से पीडिता था और अंतिम अवस्था में था। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भी पिछले महीने एक मरीज के मामले में करीब सवा लाख रूपए का मुआवजा दिया गया था। तब कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ आर के सुरेका, डॉ डीपी सिंह सहित कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
रेडियोग्राफर्स का कार्य बहिष्कार
राजस्थान रेडियोग्राफर्स एसोसिएशन के आव्हान पर बुधवार 22 मई को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सुबह 8 से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया गया। जिससे मरीजों को आउटडोर शुरू होते ही निशुलक योजना के तहत एक्सरे जांच के लिए परेशान होना पड़ा। 10 बजे जैसे ही रेडियोग्राफर्स काम पर पहुंचे तो तो एक्सरे जांच के लिए मरीजों की लंबी कतारें लग गई। जयपुर में एसएमएस अस्पताल के साथ साथ जेकेलोन, जनाना, महिला, गणगौरी, जयपुरिया, टीबी सेनेटोरियम, कांवटिया आदि अस्पतालों में मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ा।
टीएमटी मशीन खराब
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में टीएमटी की एकमात्र मशीन पिछले कुछ दिनों से खराब पड़ी है। इससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। ये मरीज या तो महंगे दामों में निजी केंद्रों पर जांच करा रहे हैं या फिर मशीन ठीक होने के इंतजार में हैं। जानकारी के अनुसार एक दिन पहले ही कुछ आईएएस अधिकारी मेडिकल जांच के लिए यहां पहुंचे थे। मशीन खराब मिलने पर उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों व अस्पताल प्रशासन से शिकायत की। उधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मशीन का एक पार्ट दो दिन से ही खराब हुआ है। इस पार्ट के लिए आर्डर दे दिया गया है। जिसके शुक्रवार तक यहां आ जाने की उम्मीद है।
रेडियोग्राफर्स का फिर कार्य बहिष्कार
राजस्थान रेडियोग्राफर्स एसोसिएशन ने विभिन्न मांगों को लेकर गुरूवार को भी दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। बहिष्कार से सरकारी अस्पतालों में मरीजों की एक्सरें जांच समय पर नहीं हो सकी। एसएमएस अस्पताल, जयपुरिया, श्वांस रोग संस्थान, जनाना, महिला चिकित्सालय, गणगौरी अस्पताल, जेके लोन और कांवटिया में मरीजों की लंबी कतारें लग गई।
नई मेडिकल डायरी पर मिलेंगी दवाएं
पेंशनर्स को नई मेडिकल डायरी मिलने के बाद ही 1 जून से दवाईयां मिल सकेंगी। राज्य पेंशनर्स मेडिकल रियायती योजना के तहत पेंशनर्स को पुरानी मेडिकल डायरी पर 31 मई के बाद उपभोक्ता संघ से दवाइयां नहीं मिल सकेंगी। जयपुर शहर के जिन पेंशनर्स ने नई मेडिकल डायरी का आवेदन किया था उनकी डायरी तैयार हो चुकी है। मेडिकल डायरी के लिए 1 व 2 जून को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक शिविर लगाया जाएगा।
सत्यापन से पहले ज्वाइन करा लिए रेडियोग्राफर
सरकारी अस्पतालों के रेडियोग्राफर्स के सामूहिक अवकाश पर जाने से पैदा हुई स्थिति से निबटने के लिए सरकार की प्रक्रिया तेज हो गई है। चिकित्सा विभाग ने 56 रेडियोग्राफर को पुलिस व चरित्र सत्यापन के बिना ही नौकरी ज्वाइन करने के आदेश दे दिए हैं। विभाग चाहता है कि अवकाश को देखते हुए पहले ये काम संभालें। हालांकि सत्यापन की एवज में उनसे शपथ पत्र लिया जाएगा। ज्वाइनिंग के बाद सात दिन के अंतर इन्हें पुलिस सत्यापन कराना होगा। हालांकि निर्देश मिें यह भी कहा गया है कि शपथ पत्र पेश करने के बाद भी किसी सहायक रेडियोग्राफर के खिलाफ कोई आपराधिक रिकार्ड पाया जाता है तो उनके नियुक्ति के आदेश तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिए जाएंगे।
आउटसोर्सिंग के बावजूद एक्सरे के लिए इंतजार
जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में रेडियोग्राफर के सामूहिक अवकाश के दौरान आउटसोर्सिंग के बावजूद सोमवार को धनवंतरी ओपीडी में मरीजों को एक्स रे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। राजस्थान रेडियोग्राफर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अचलाराम चौधरी ने सरकार द्वारा मांगें नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है। अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजीत सिंह ने बताया कि सोमवार को चार निजी सेंटरों पर ओपीडी के 792 एक्सरे में से 202 एक्सरे र्भ्ती मरीजों के हुए। एक्सरे सेवाओं में निरंतर सुधार हो रहा है।
ट्रांसफार्मर जलने से नहीं हो सके मेजर ऑपरेशन
सवाईमानसिंह अस्पताल में सोमवार को ट्रांसफार्मर जलने से बांगड परिसर में सुबह 9 बजे से सात घंटे बिजली गुल रही। इस कारण करीब ढाई सौ भर्ती मरीज परेशान रहे। न्यूरोसर्जरी, कार्डियो सर्जरी के रूटीन ऑपरेशन हुए, जबकि दो प्लांड ऑपरेशन टालने पड़े। शाम 4 बजे बिजली आने के बाद ही ऑपरेशन हो सके। शाम 5 बजे नय ट्रांसफार्मर लगा दिया गया। अगले तीन महीने तक बिजली, पानी से संबंधित कर्मचारियों को समय समय पर राउंड लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। आईसीयू में पावर बैकअप होने से गंभीर मरीजों को परेशानी नहीं हुई।
रेजीडेंट डॉक्टरों ने दिया अल्टीमेटम
जोधपुर में रेजीडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद अजमेर, कोटा और उदयपुर के रेजीडेंट भी हड़ताल पर चले गए हैं। इधर, जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टरों ने बुधवार दोपहर 2 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। मांगें नहीं माने जाने पर हड़ताल की चेतावनी दी गई है। पिछले दिनों जोधपुर में मरीज के परिजनों और रेजीडेंट डॉक्टरों में मारपीट हो गई थी।
काम पर लौटे रेजीडेंट
जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध तीनों अस्पतालों के रेजीडेंट चिकित्सक 48 घंटे बाद बुधवार शाम काम पर लौट आए। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और पुलिस प्रशासन के साथ रेजीडेंट की करीब तीन घंटे की वार्ता में सरुक्षा संबंधी मुद्दे पर सहमति बनी। एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ दिलीप कच्छवाहा के अनुसार अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाएगी। इसके लिए पुलिस के सहयोग से स्पेशल सिक्योरिटी टीम तैनात होगी। वार्ता में सहमति के बाद अस्पतालों में शाम चार बजे तक कई रेजीडेंट चिकित्सकों ने कार्य संभाल लिया तो कई शाम आठ बजे तक ड्यूटी पर आए।
डॉक्टर से मारपीट, कार्यबहिष्कार
जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल की इमरजेंसी में गुरूवार को आधी रात दुर्घटना में घायल मरीज के परिजनों ने डॉक्टर से अभद्रता कर मारपीट कर दी। जब तक बाकी डॉक्टर बीच बचाव करने पहुंचे। परिजन मरीज को लेकर भाग छूटे। अचानक हुई घटना से अस्पताल में हंगामा हो गया। गुस्साए स्टाफ ने इमरजेंसी के गेट बंद कर कार्यबहिषकार कर दिया। बाद में वरिष्ठ डॉक्टरों की समझाइश पर अति गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में घुसने दिया गया।
एमएमएस इमरेजेंसी में 24 घंटे पुलिस
आए दिन डॉक्टरों से मरीजों के परिजनों और अभिभावकों की हाथापाई की नौबत और डॉक्टरों के कार्यबहिष्कार से तंग आकर एसएमएस इमरजेंसी में 24 घंटे पुलिस तैनात करने का फैसला किया गया है। अब यहां मोती डूंगरी थाने के दो सिपाही चौबीस घंटे पहरा देंगे और डॉक्टर परिजनों के बीच होने वाली झड़प को नियंत्रित करेंगे। भविष्य में अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी को थाने में भी अपग्रेड किया जाएगा। यह फैसला शनिवार को मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ सुभाष नेपालिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
रैफर मरीजों तक सीमित होगा एसएमएस
सवाई मानसिंह अस्पताल को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास शुरू हो गए है। रविवार को दिल्ली से आए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के अधीक्षक डॉ डीके शर्मा व इंडियन स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के प्रो अनिल दीवान ने हाईकोर्ट की ओर से गठित समिति के सज्ञथ विभिन्न विभागों, लैब व परिसर का दौरा किया। उन्होने एसएमएस में सिर्फ रैफर मरीजों के इलाज और पुरानी हो चुकी बिल्डिंग को तोड़कर मल्टीस्टोरी बनाने के सुझाव दिए। डॉ शर्मा ने कहा कि सबसे पहले अस्पताल का नेशनल एक्रीडीटेशन बोर्ड फोर हास्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर से एक्रीडिटेशन करवाना होगा। इसके लिए इंटरनल कमेटी के सदस्यों द्वारा विस्तृत चर्चा कर मापदंड पूरे किए जाएंगे।
टाटा मेडिकल का सफाई मॉडल लागू होगा
जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल सफाई के लिए टाटा मेडिकल हॉस्पिटल जमशेदपुर का मॉडल अपनाएगा। इसके लिए पहले जमशेदपुर में 1600 बेड वाले अस्पताल के इंचार्ज, सुपरवाइजर व कर्मचारी एक माह के अंदर यहां आकर अध्ययन करेंगे। इसके बाद एसएमएस अस्पताल की टीम वहां की कार्यप्रणाली का अध्ययन करेगी। गुरूवार को जमशेदपुर की यूटिलिटी एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने अस्पताल में सफाई व्यवस्था की कार्यप्रणाली की जानकारी लेकर दौरा किया।
एसएमएस में छह घंटे बिजली गायब
जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल के मुख्य भवन में रविवार को तकनीकि खराबी के कारण सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक बिजली गुल रही। अस्पताल में अंधेरा हो गया। वार्डों में भर्ती मरीज पसीने से तरबतर हो गए। सेंट्रल लैब व जांच योजना के काउंटर पर रिपोर्ट लेने वाले मरीजों की लंबी कतारें लग गई। दवा वितरण केंद्रों पर ज्यादा इंतजार करना पड़ा। अस्पताल के थ्रीडी ई वार्ड के मरीजों के मुताबिक सुबह 6 बजे के करीब लाइट गई जो दोपहर 12 बजे आई। इसके बाद भी कुछ कुछ देर में बिजली जाती रही। अधिकारियों का कहना है कि बारिश के मौसम के कारण बिजली का पैनल बदला जा रहा था जिसके कारण मुख्य भवन के कुछ स्थानों की बिजली चली गई थी।
चरक भवन और धनवंतरि आउटडोर पाथ-वे से जुड़ेंगे
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में चरक भवन और धनवंतरि आउटडोर को पाथ-वे बनाकर जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए डेढ करोड रूपए की राशि मंजूर की है। इन दोनों भवनों के बीच की दूरी करीब 200 मीटर है। मरीजों को एक सडक पार करने के अलावा एसएमएस का पूरा मुख्य भवन पार करना होता है। इस बीच गलियारे में भारी भीड के कारण गंभीर मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाने में परेशानी होती है। अस्पताल प्रशासन ने इस पाथ-वे के लिए प्रारंभिक तौर पर रूट भी चिन्हित कर लिया है। यह रूट चरक भवन से शुरू होकर जयपुर मेडिकल एसोसिएशन सभागार व इमरजेंसी सीटी उमआरआई के बीच वाली सडक, बिरला कैंसर के सामने से होता हुआ बांगड के मुख्य द्वार की तरफ से बांगड़ परिसर स्थित सीटी एमआरआई के बाहर से होते हुए मुख्य भवन में वनएबी की तरफ जाने वाले रास्ते की तरफ जाएगा। यहां से एक रास्ता कॉटेज वार्ड की तरफ जाता है। लेकिन अभी वह बंद है। इस बंद रास्ते को खोलकर पाथ वे को इससे जोड़ दिया जाएगा।
300 बेड का अस्पताल होगा जयपुरिया
जयपुर के जयपुरिया अस्पताल में एक जुलाई 2014 से मेडिकल यूनिवर्सिटी का संघटक कॉलेज खोलने से पहले इसी साल यह अस्पताल 300 बेड का कर दिया जाएगा। किसी भी अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए यह प्रमुख आवश्यकता है। 300 बेड की क्षमता के लिए वित्तीय विभाग के पास प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद यह प्रस्ताव केबिनेट में मंजूरी के लिए जाएगा। साथ ही अगले महीने से ही यहां प्रोफेसर एसिोसिएट प्रोफैसर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी जाएगी। अस्पताल में अगले सत्र से मेडिकल कॉलेज को मंजूरी देने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम तीन से चार बार निरीक्षण कर सकती है। पहले व दूसरे निरीक्षण में वह यहां की सुविधाओं का आंकलन कर आवश्यक दिशा निर्देश देगी।
एसएमएस अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में आग
प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में गुरूवार दोपहर डेढ बजे के आसपास ईएनटी ऑपरेशन थिएटर में स्पार्किंग से आग लग गई। उस वक्त वहां 14 साल के एक बच्चे शालिग्राम का मेजर ऑपरेशन किया जा रहा था। एक युवती आस्था पारीक का भी मायनर ऑपरेशन चल रहा था। आग अचानक फैली। इससे घबराकर डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी थिएटर से भाग गए। जबकि आस्था होश में होने के कारण बाहर निकल आई। लेकिन शालिग्राम बाहर नहीं आ पाया। तब एक रेजिडेंट डॉक्टर संदीप शालिग्राम को गोद में उठाकर बाहर लाये। समय रहते अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पा लिया गया। घटना में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। अस्पताल अधीक्षक ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी का गठन किया है।
बड़े ऑपरेशन ठप
सवाई मानसिंह अस्पताल के ईएनटी ऑपरेशन थिएटर में गुरूवार को पैनल में लगी आग का नुकसान अब मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार कर उठाना पडेगा। यहां आग लगने के बाद शुक्रवार को बउे ऑपरेशन ठप हो गए। ऐसे में अब विभाग में ऑपरेशन की वेटिंग बढने की आशंका पैदा हो गई है। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हैंगिंग पैनल को दुरूस्त करने में कुछ समय लगेगा। तब तक बड़े ऑपरेशन नहीं किए जा सकेंगे।
एसएमएस अस्पताल में निरीक्षण
एसएमएस अस्पताल में प्रादेशिक सेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ए के सिवाच अचानक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने ऑपरेशन थिएटर सेकंड, 3 एबी, 3 सी, 3 डीई, 2 एफ आदि वार्डों में सुविधाओं का जायजा लिया। अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ यू एस अग्रवाल, डॉ एसएस रावत, कमांडिंग ऑफिसर डॉ केके मंगल, लेफि्टनेंट कर्नल डॉ राजेश शर्मा, कर्नल डॉ अनिल सिहित सेना के अधिकारी तथा अस्पताल प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे। सिवाच से किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण व स्टाफ के संबधं में प्रस्ताव मांगा। अस्पताल में प्रादेशिक सेना का कार्यालय है जहां हर तरह के अधिकारी काम करते हैं। अस्पताल में तीन सौ बेड, एक ऑपरेशन थिएटर व आईसीयू प्रादेशिक सेना के हैं जिसे जरूरत पडने पर सेना काम में ले सकती है।
एसएमएस में कई रक्त समूहों की कमी
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में कई महत्वपूर्ण रक्त समूहों की भारी कमी है। ऐसे में गंभीर बीमारियों केमरीजों की जान पर आफत आ जाती है। मरीजों के परिजन एसएमएस अस्पताल ब्लड बैंक में बी पॉजीटिव, एबी पॉजीटिव व एबी नेगेटिव रक्त समूह की भारी कमी है। इन रक्त समूहों के रक्त की आपूर्ति आधे से भी कम है। प्रतिदिन करीब 50 से 100 यूनिट रक्त की जरूरत होती है। अस्पताल के कुछ विभागों में बाहर के ब्लड बैंकों के रक्त को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। जबकि मरीजों के परिजन शहर के दूसरे ब्लड बैंकों से रक्त की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
एसएमएस में कूलिंग प्लांट
सवाई मानसिंह अस्पताल में भीषण गर्मी से मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए 3 एबी वार्ड में सर्जरी विभाग के डाक्टर व दानदाता के सहयोग से कूलिंग प्लांट लगाया गया है। अस्ताल अधीक्षक डॉ वीरेंद्र सिंह के अनुसार कूलिंग प्लांट लगने से भर्ती मरीजों को तेज गर्मी से राहत मिलेगी। इसमें सर्जरी विभाग के डॉ लक्ष्मण अग्रवाल, डॉ सुमिता जैन, डॉ राजेंद्र मांडिया, यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ केके शर्मा और दानदाता का सहयोग रहा है।