जवाहर कला केंद्र में नाट्य संध्या
जवारह कला केंद्र के रंगायन सभागार में शुक्रवार और शनिवार को नाट्य संध्या का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को सतीश आलेकर लिखित नाटक ’मठ के रास्ते में एक दिन’ का मंचन होगा जिसका निर्देशन दिल्ली के वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश भारद्वाज करेंगे। शनिवार को ’बलि का शंभु’ नाटक का मंचन किया जाएगा। मानव कौल लिखित इस नाटक का निर्देशन भोपाल के वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल दूबे करेंगे।
जवाहर कला केंद्र- फोटो प्रदर्शनी
सुकृति आर्ट गैलरीजवाहर कला केंद्र की सुकृति आर्ट गैलरी में 22 मार्च शुक्रवार से फोटो प्रदर्शनी ’लद्दाख की झलक’ आरंभ होगी। इस प्रदर्शनी में लद्दाख की जीवन शैली, संस्कृति, भौगोलिक दृश्य और प्रकृति से संबंधित फोटो डिसप्ले किए जाएंगे। यतीन्द्र पाल सिंह के खींचे गए इन फोटो को देखकर कलाप्रेमी लद्दाख की संस्कृति और सुंदरता से रूबरू होंगे। प्रदर्शनी का उद्घाटन ओलंपिक मुक्केबाज मनोज कुमार करेंगे।
सरस जयपुर – 2012
जवाहर कला केंद्र ( JKK )में राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ( 22 दिसंबर से शुभारंभ )जयपुर। जवाहर कला केंद्र में राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले का आयोजन 22 दिसंबर से आरंभ हो गया। मेला 2 जनवरी तक चलेगा। मेले में 13 राज्यों के 200 हस्तशिल्पी ’सरस जयपुर-2012’ क्राफ्ट मेले में डेढ सौ स्टाल्स पर अपने उत्पाद सजाएंगे। जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम परिसर में चलने वाले इस मेले में कलाकृतियां, परिधान, बांस और बेंत के फर्नीचर, आन्ध्रा के कॉटन सूट, लखनऊके चिकन परिधान, तिरूपति का काठ का सामान, कांजीवरम की सिल्क साडियां, कश्मीर के पशमीना शॉल आकर्षण का केंद्र होंगे। मेला रूडा, रूरल डवलपमेंट मिनिस्ट्री, भारत सरकार व रूरल डवलपमेंट डिपार्टमेंट राज्य सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। मेले में आप सुबह 11 से रात्रि 9 बजे तक खरीददारी कर सकते हैं।
म्यांमार के नृत्य से सजेगी शाम
जवाहर कला केंद्र ( 22 दिसंबर )जयपुर। जवाहर कला केंद्र में शनिवार को म्यांमार से आए लोककलाकारों का दस सदस्यीय दल वहां की लोक संस्कृति से रूबरू कराएगा। दल की ओर से सांगीतिक और नृत्य परफोरमेंस दी जाएंगी। शनिवार शाम 6 बजे से होने वाला यह कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद कीओर से केंद्र के रंगायन सभागार में आयोजित होगा। उल्लेखनीय है कि भारत में इन दिनों म्यांमार दूतावास इंडिया एशियन फेस्टीवल का आयोजन किया जा रहा है।
ए व्यू ऑफ कॉमनमैन
जेकेके में कार्टून-कैरीकेचर एग्जीबीशन ( 21 से 23 दिसंबर )जयपुर। चित्रकार लोकेंद्र सिंह नाहर ने अपने कार्टून्स और कैरिकेचर्स से आम आदमी के नजरिये को दर्शाने का प्रयास किया है। जवाहर कला केंद्र की सुरेख कला दीर्घा में चल रही उनकी आर्ट एग्जीबीशन में आज के दौर की समस्याओं को फोकस करते हुए आम आदमी का उनपर कटाक्ष किया गया है। उन्होंने अपनी इस कला से महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध और सामाजिक अव्यवस्था पर करारे व्यंग्य किए हैं। अपने कैरिकेचर्स से उन्होंने मेहंदी हसन, यश चोपड़ा और बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि भी दी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अमिताभ बच्चन के कैरीकेचर्स भी आकर्षक हैं।
तिरिया चरित्तर का मंचन
जेकेके, फ्राईडे थिएटर ( 21 दिसंबर )जयपुर। जवाहर कला केंद्र की कार्यक्रम श्रंखला में शुक्रवार शाम फ्राईडे थिएटर के तहत रंगायन सभागार में नाटक ’तिरिया चरित्तर’ का मंचन किया गया। शिव मूर्ति की कहानी पर कुश वैष्णव ने अच्छा निर्देशन किया। कहानी के अनुसार विमली एक मेहनती लड़की है जो पुरूष प्रधान समाज में मेहनत कर अपना जीवन चलाती है। वह पुरूषों के साथ काम करता है। विमली उस दायरे में रहते हुए अपनी शारीरिक सुरक्षा नहीं कर पाती और उसी का ससुर उससे शारीरिक संबंध बना लेता है। घटना के बाद पंचायत बैठती है और सारा दोष विमली के सर ही आता है और उसे शारीरिक दण्ड दिया जाता है। असल में नाटक समाज की विद्रूपताओं पर करारा प्रहार करता है और ’तिरिया चरित्तर’ के मुहावरे को ’पुरूष प्रपंच’ के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास करता है। नाटक में मंच पर महिमा, पल्लवी, मनोज सोनी, अजय सैन, कुलकेश वर्मा, निशा, राहुल खंडेलवाल, अमित विजय, सचिन सक्सेना ने अभिनय किया।
जवाहर कला केंद्र में फूड कोर्ट व क्राफ्ट बाजार
जयपुर में राजस्थान दिवस समारोह आरंभ हो गया है। 25 से 31 मार्च तक चलने वाले इस समारोह में राजस्थानी संस्कृति के रंग झलकेंगे। समारोह की शुरूआत जवाहर कला केंद्र से हुई । जयपुर के जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में जयपुरवासियों को राजस्थानी आर्ट व हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी के साथ जायकेदार पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद एक ही स्थान पर मिल रहा है। राजस्थान दिवस समारोह (आरडीसी) के तहत जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में 24 मार्च को प्रमुख सचिव एवं आयुक्त पर्यटन, श्री राकेश श्रीवास्तव ने फूड व क्राफ्ट बाजार का उदघाटन किया। राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और रूडा के सौजन्य से हो रहा यह आयोजन 31 मार्च तक चलेगा। इसमें न सिर्फ राजस्थान के विभिन्न भागों से कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे, वरन पारम्परिक कला के उत्कृष्ट नमूने भी यहां आगंतुकों को खासा आकर्षित कर रहे हैं। क्राफ्ट मेले में रूडा की ओर से 45 स्टॉलस् लगाई गई है जहां हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ उत्पाद मौजूद हैं, वहीं महिलाओं के लिए दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के साथ पारम्परिक और फैशनेबल वस्त्र, चूडियां और गृहसज्जा की विभिन्न वस्तुओं की बड़ी वैरायटी इस मेले में देखने को मिल रही है। क्राफ्ट बाजार में डेकोरेटिव आइटम्स की काफी विस्तृत रेंज उपलब्ध है। इन उत्पादों की खास बात यह है कि कलाकारों ने इन्हें बनाने में पारम्परिक और आधुनिक तकनीक का कुशल संयोजन किया है। मार्बल के आकर्षक पॉट हैं, वहीं ब्लू पॉटरी तथा बैंगल बॉक्स, कप, हैंगर, छल्ले और पैन होल्डर भी यहां मौजूद हैं। वस्त्रों की ही बात की जाए तो यहां सूट, साडियां, टॉप और कुर्ते महिलाओं को काफी पसंद आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त फूलदान, लकड़ी के खिलौने व धार्मिक चिन्ह के साथ चिकनी मिट्टी के मटके, पॉट व अन्य डेकोरेटिव आइटम भी इस श्रेणी के मुख्य आकर्षण हैं। इनके अलावा मेले में स्थानीय सांगानेरी-बगरू प्रिंट के वस्त्र, लेदर की मोजड़ी, दरियां और ज्वैलरी आइटमों की स्टॉल्स भी लगाई गई हैं। खाने के शौकीनों के लिए भी है बहुत कुछ- क्राफ्ट बाजार के साथ शिल्पग्राम परिसर में आर.टी.डी.सी. की ओर से 24 स्टॉल्स खाने के शौकीनों की हर जरूरत पूरी कर रहा है। मुख्य स्टेज के निकट होने से आगंतुक विभिन्न व्यंजनों के स्वाद के साथ-साथ स्टेज पर चल रहे राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाते नजर आए। फूट कोर्ट में चटपटा खाने के शौकीनों के लिए चाट, भेलपूरी, छोला-भटूरा, पपड़ी, टिकिया उपलब्ध हैं, वहीं मीठे के शौकीनों के लिए आइसक्रीम की स्टॉल्स के अलावा भी स्पेशल स्वीट शॉप लगाई गई है। यही नहीं, विजिटर्स जहां पारम्परिक दाल, बाटी, चूरमा का लुत्फ उठाने में खासे उत्साहित नजर आए।