मेयर के ऐलान से बढ़ी परेशानी
मेयर ने ऐलान किया है कि वो तब तक नगर निगम नहीं जाएंगी जब तक सीईओ पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच नहीं हो जाती। मेयर और सीईओ के बीच चल रहे विवाद ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। मेयर के नगर निगम नहीं जाने के एलान से खुद कांगे्रस नेता हैरान है। हालांकि अपनी ही पार्टी की मेयर के मामले में वे कुछ भी बोलने से बच रहे है लेकिन दबे मुहं वे इस कदम की आलोचना कर रहे है। उधर भाजपा ने मेयर के इस फैसले का स्वागत किया है। उनकी माने तो ज्योति खण्डेलवाल की अनुपस्थिति में अधिकारी नगर निगम में भयमुक्त वातावरण में काम कर सकेंगे। भाजपा को फिर एक नया मुद्दा मिल गया है सरकार की खिंचाई का।
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